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जल संसाधन विभाग की अनदेखी से नाराज किसानों ने खुद की नहर की मरम्मत और सफाई फसल बचाने की पहल। बिलगांव मध्यम सिंचाई परियोजना के चरगांव माइनर नहर का मामला

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सफाई के अभाव में   नहर में उगी घाँस

डिण्डौरी।   जिले के शहपुरा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम बिलगाव में बनी जिले का  सबसे बड़ा बांध बिलगांव मध्यम सिंचाई परियोजना हमेशा ही सवालों के घेरे  में  रहता है। एक बार फिर क्षेत्र के किसान सिंचाई विभाग की उदासीनता के चलते परेशान हैं। विभाग की उदासीनता के कारण क्षेत्र के किसान खुद नहर में उतरकर साफ-सफाई करने मजबूर हो गए हैं। शहपुरा क्षेत्र में दो सप्ताह से बारिश नहीं होने के कारण खेत सूखने लगे हैं, जिससे किसान काफी चिंतित हो गए है। किसानों के खेतों तक सिंचाई विभाग ने नहर तो बना दिए हैं, लेकिन नहर में पिछले 5 साल से उगे खरपतवार की सफाई नहीं कराए जाने के कारण नहर के पानी का बहाव काफी कम है।


नहर की स्थिति ऐसी है कि मुख्य कैनाल के गेट खोले जाने के बाद भी किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है।
क्षेत्र के किसान सिंचाई विभाग द्वारा ध्यान नहीं देने के कारण नहर की सफाई करने खुद जुट गए हैं। जगह-जगह से नहर फूटी हुई थी और नहर खरपतवार से जाम थी जिस कारण खेतों में पानी नहीं पहुंच पा रहा था।अब सफाई के बाद किसानों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में पानी का बहाव तेज होगा व उनके खेत तक पानी पहुंचेगा।

अपनी समस्या बताता अन्नदाता


किसानों का कहना है कि हमारी मुख्य मांग है फसलों में पानी सही समय पर मिल जाए। लेकिन विभाग द्वारा ध्यान नहीं देने के कारण पानी मिलना मुश्किल था। इसी को देखते हुए किसानों ने सफाई करने की ठानी है।

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