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बोरलॉग इंस्टीट्यूट फॉर साउथ एशिया और कृषि विभाग द्वारा करौंदी व बरगांव के किसानों को दिया गया एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण ,कीटनाशक और खरपतवार नाशक दवा का किया वितरण

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डिण्डौरी। किसानों को जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने और कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए नवीनतम तकनीकों से लैस किया गया है। कलेक्टर हर्ष सिंह, डीडीए अभिलाषा चौरसिया, पीडीए आत्मा डॉ नेहा धुरिया के निर्देशन में बोरलॉग इंस्टीट्यूट फॉर साउथ एशिया और कृषि विभाग, डिण्डौरी के संयुक्त प्रयास से  ग्राम करौंदी के ग्राम पंचायत परिसर में  एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में बोरलॉग इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञ डॉ पंकज कुमार एवं मनीष भारद्वाज ,चंदन कुमार ने किसानों को खरपतवार प्रबंधन, सिंचाई प्रबंधन और समन्वित पोषण प्रबंधन जैसी आधुनिक कृषि तकनीकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।

खरपतवार नियंत्रण में नवीनतम तकनीकें:

कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने किसानों को खरपतवारों के दुष्प्रभावों और उन्हें नियंत्रित करने के नवीनतम तरीकों के बारे में बताया। किसानों को खरपतवार नाशक दवाओं के सुरक्षित उपयोग और उनके महत्व के बारे में भी बताया गया और नि:शुल्क दवाई का वितरण किया गया ।

सिंचाई प्रबंधन पर विशेष ध्यान देते हुए, विशेषज्ञों ने किसानों को ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई जैसी तकनीकों के बारे में बताया। इन तकनीकों से पानी की बचत होती है और फसलों को आवश्यक मात्रा में पानी मिलता है। इसके अलावा, मृदा नमी को बनाए रखने और जल अपव्यय को रोकने के लिए अन्य जल प्रबंधन तकनीकों पर भी चर्चा की गई।

समन्वित पोषण प्रबंधन:

मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने और फसलों की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए समन्वित पोषण प्रबंधन पर जोर दिया गया। किसानों को मिट्टी परीक्षण के महत्व और उर्वरकों के संतुलित उपयोग के बारे में बताया गया।फसल अवशेषों के उपयोग को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया। किसान भीमशंकर साहू , कैलाश तिवारी ने भी किसानों को प्रेरित किया। किसानों ने इस कार्यक्रम को बेहद उपयोगी बताया और उन्होंने इन तकनीकों को अपने खेतों में लागू करने की इच्छा जताई।

वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी शहपुरा गुमान सिंह ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से लैस करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिलेगा।
इस कार्यक्रम में करौंदी, बरगांव सहित क्षेत्र के किसान मौजूद रहे।

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