डिंडौरी : 16 अक्टूबर, 2025
कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया की अध्यक्षता में कृषि, सहकारिता, मंडी एवं संबंधित विभागों की समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में संपन्न हुई। बैठक में जिले में खाद-बीज उपलब्धता, गुणवत्ता नियंत्रण, नरवाई प्रबंधन, सहकारी समितियों की स्थिति, जन औषधि केंद्रों की स्थापना तथा मंडी संचालन से संबंधित विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई।
खाद-बीज उपलब्धता
उप संचालक कृषि द्वारा बताया गया कि जिले में कुल 5 बीज उत्पादक संस्थाएँ कार्यरत हैं, जिनमें 3 सहकारी समितियाँ, एक बीज निगम एवं एक कृषि प्रक्षेत्र शामिल हैं। इन संस्थाओं में लगभग 973 क्विंटल बीज विभिन्न फसलों का उपलब्ध है, जिसका भंडारण विभागीय योजनाओं एवं समितियों के माध्यम से किया जाता है। दलहन एवं तिलहन फसलों का बीज उत्पादन जिले में सीमित मात्रा में होने के कारण लक्ष्य पूर्ति के लिए बाहरी संस्थाओं से भंडारण किया जाता है।
नोडल अधिकारी, सी.सी.बी. द्वारा अवगत कराया गया कि पुरानी बीज किस्मों का समितियों में मांग अनुसार भण्डारण कराए जाने पर कृषक अनुदान से वंचित रह जाते हैं तत्संबंध में कलेक्टर श्रीमती भदौरिया ने कृषि विभाग को निर्देशित किया कि मैदानी अमले के माध्यम से कृषकों को नई बीज किस्म अपनाने हेतु प्रोत्साहित किया जाए।
खाद एवं उर्वरक
बैठक में बताया गया कि जिले में उर्वरक का भंडारण पर्याप्त मात्रा में है, अनुपलब्धता जैसी स्थिति उत्पन्न नहीं होती। जिले में सिंचित रकबा कम होने और अधिकांश क्षेत्र वनग्राम होने से उर्वरक की खपत अपेक्षाकृत कम है।
गुणवत्ता नियंत्रण
कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया ने निर्देश दिए कि उर्वरक, कीटनाशक एवं बीज के नमूनों का नियमित रूप से संग्रहण कर परीक्षण किया जाए ताकि किसी भी प्रकार की मिलावट या अनियमितता पर शीघ्र कार्रवाई की जा सके।
नरवाई प्रबंधन
नरवाई प्रबंधन हेतु उप संचालक कृषि एवं सहायक कृषि यंत्री द्वारा हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, बेलर, मल्चर मशीनों के उपयोग की जानकारी दी गई। कलेक्टर ने इन उपकरणों का लाइव प्रदर्शन दिखाने के निर्देश दिए।
सहकारी केन्द्रीय बैंक
सहकारी केन्द्रीय बैंक द्वारा अल्पकालिक ऋण वितरण, ऋण वसूली, टर्म लोन एवं जमा राशि की जानकारी प्रस्तुत की गई। साथ ही समितियों द्वारा किए जा रहे खाद वितरण की जानकारी दी गई
सहकारिता विभाग
सहकारिता विभाग द्वारा बताया गया कि जिले की 44 समितियों में से 14 का पुनर्गठन किया गया है, जबकि 3 समितियों के पुनर्गठन प्रस्ताव लंबित हैं। इस पर कलेक्टर द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुए लक्ष्य पूर्ति में तेजी लाने एवं सभी विभागों से समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए।
जन औषधि केंद्र व्यवसाय
जन औषधि केंद्र हेतु 44 में से 5 सोसायटियों के आवेदन प्राप्त होने पर जिनके पास जगह नहीं है कलेक्टर द्वारा अन्य विभागों के सहयोग से उपयुक्त स्थान चयनित कर आवेदन कराए जाने के निर्देश दिए।
इसके अतिरिक्त, कामन सर्विस सेंटर, वन उपज सहकारी समितियाँ, दुग्ध सहकारी समितियाँ एवं समितियों के कम्प्यूटरीकरण अंतर्गत ऑडिक कंसिलेशन के तहत 5 ईपेक्स सोसायटियों की जानकारी दी गई।
मंडी संचालन
मंडी सचिव द्वारा अवगत कराया गया कि फार्म गेट एप के माध्यम से अब तक 663 कृषकों का पंजीयन किया जा चुका है, जिनके माध्यम से किसान अपनी उपज सीधे विक्रय कर रहे हैं।
बैठक के अंत में कलेक्टर श्रीमती भदौरिया ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि कृषकों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।
बैठक के दौरान अपर कलेक्टर जेपी यादव, एसडीएम डिंडौरी सुश्री भारती मेरावी, कृषि उपंसचालक सुश्री अभिलाषा चौरसिया, सहायक संचालक मत्स्य राकेश चंदेल, पमेश भगत, शाखा प्रबंधक होतीलाल मरावी, वर्षा मरकाम, प्रीती मरकाम, सिद्धेश्वर सिंह, जेपी द्विवेदी, डॉ. नेहा धूरिया, केपीएस मरावी, डॉ. एचपी शुक्ला सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।












