गोरखपुर -डिंडौरी जिले के करंजिया विकासखंड अंतर्गत कस्बा गोरखपुर सहित समूचा अंचल इन दिनों वायरल टायफाइड और डायरिया जैसी बीमारियों की चपेट में हैं।हर वर्ग का व्यक्ति ग्रसित होकर परेशान हैं,खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में दिनों बुरे हालात हैं क्योंकि इन क्षेत्रों में न तो डॉक्टर की सुविधा हैं और न ही उतनी सुविधाएं मौजूद हैं परिणामस्वरुप यह संसाधनों के अभाव में यातनाएं सह रहें हैं। यघपि सोमवार को साप्ताहिक बाजार के मौके पर कस्बा के सरकारी अस्पताल में उपचार कराने पहुंचे दर्जनों ग्रामीणों ने बातचीत में बताया कि ग्रामीण बुखार सर्दी जुकाम और दर्द पीड़ा से त्रस्त हैं,कई घरों में यह स्थिति हैं कि घरेलू कामकाज करने वाला कोई नहीं बचा सभी बीमार पड़े हैं। ऐसे परिस्थितियों में सबसे बड़ी विडंबना यह हैं कि गांवों में कोई इलाज करने वाला नहीं , जो साधन संपन्न हैं वह अपना इलाज बाहर जाकर करा लेते हैं लेकिन गरीब तबका का इंसान आखिरकार परेशान होकर नीम हकीम झोलाछाप डॉक्टरों से हाई एंटीबायोटिक दवाएं खाकर इलाज कराने मजबूर हैं । बहादुर सिंह परस्ते ने बताया कि वह लगभग पांच दिन से बुखार से परेशान हैं नियम से दवाइयों का सेवन किया किंतु आज सुबह से वैसी ही तबियत लग रही है सरकारी अस्पताल के डॉक्टर से चैक कराकर दवाई लिया हूं। गौरतलब हैं कि मौसमी बीमारियों के लक्षण वाले मरीज प्रतिदिन आसपास के गांवों से सरकारी अस्पताल आ रहें हैं प्रायवेट क्लीनिक में भी भीड़ देखा जा रहा हैं ।
सरकारी अस्पताल में भीड़ : सोमवार को कस्बा के सरकारी अस्पताल में माधोपुर पिंजरहाटोला, भलखोहा मानिकपुर पाटन रहंगी तथा अनुपपुर जिले की सीमा में बसे दर्जनों गांवों से लोग मौसमी बीमारी की चपेट में आकर अपने उपचार हेतु सरकारी अस्पताल पहुंचे। जहां ड्यूटी पर तैनात डाॅक्टर ने सभी लोगों का जांच उपरांत उपचार किया और उन्हें समझाइश दिया कि अभी जो वायरल संक्रमण सामने आ रहा है, उसमें व्यक्ति पहले सर्दी जुखाम, सिरदर्द और बुखार की शिकायत करता है। यदि डॉक्टर की पर्ची के मुताबिक दवाइयों का इस्तेमाल हेल्दी डाइट का सेवन ठीक ढंग से किया जाता है तो इतने से मरीज को आराम मिलना शुरू हो जाता है।और यदि इलाज में लापरवाही करते हैं तो यह दूसरी बीमारियों की ओर ले जाता हैं।तब मरीज की हालत खराब हो जाती हैं इसलिए सावधानी बरत कर नियमानुसार दवाओं का सेवन करते रहें। गौरतलब हैं कि कस्बा के सरकारी अस्पताल में लगभग पंद्रह पंचायत के हजारों लोग अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं के लाभ हेतु आश्रित हैं।
गांवों में पूरा घर बीमारः रामकुमार मरावी ने बताया गांव में ही एक व्यक्ति से उपचार करवाया था उसने पांच दिन की दवाई दी नियम से खाएं भी लेकिन ये कैसी बीमारी हैं जिस पर दवाइयों का असर नहीं होता आराम न मिलने की स्थिति में आज थक हार कर माता जी को इलाज के यहां लाया हूं ।हजारी आर्मो ने बताया कि सुबह गांव में ही तीन इंजेक्शन लगवाया कर आया हूं। गांव में हर घर में लोग बीमार पड़े हैं। कोई सदस्य ठीक नहीं है। एक ठीक होता हैं तो दूसरा बीमार हो जाता है। उसके ठीक होते होते फिर कोई स्वजन बीमार हो रहा हैं। लगभग एक माह से ऐसा ही चल रहा है।
-वर्तमान में, वायरल तो चल ही रहा है लेकिन कहीं कहीं टायफाइड,और डायरिया,के लक्षण वाले मरीज आ रहें हैं। इन्हें पर्याप्त उपचार के बाद सलाह दिया जा रहा हैं कि फिलहाल खानपान में विशेष सावधानी बरतें बाहर का बिल्कुल न खाएं और पानी को उबालकर छानकर पीएं मास्क लगाएं रखें और मच्छरदानी का उपयोग करें। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति बीमार होता हैं तो सरकारी अस्पताल आकर अपना पूरा उपचार करवाएं।
अंकित तिवारी मेडिकल आफीसर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोरखपुर।
